प्रकाश



अवधारणा (concept)

        हम वस्तुओं (Objects) को कैसे देख पाते हैं? हमारी सभी ज्ञानेन्द्रियों में आँख (Eye) एक महत्त्वपूर्ण ज्ञानेन्द्रिय (Sense organs) है। इसकी सहायता से हम अपने सामने पड़नेवाली अनेक वस्तुओं को दिन के उजाले (Daylight) में तो देखते ही हैं, रात्रि में कभी-कभी चन्द्रमा (Moon) एवं तारों (Star) को भी देख पाते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि देखना कैसे संभव हो पाता हैं? दिन के उजाले में आप जिन-जिन वस्तुओं को देख पाते हैं क्या बिना चाँदनीवाली अँधेरी रात (Dark night) में भी उन वस्तुओं को देख पाते हैं?

वस्तु को देखने में कौन-सी चीजें सहायक है?

       केवल आँखों द्वारा हम किसी वस्तु को नहीं देख सकते। किसी वस्तु को हम तब ही देख पाते हैं जब उस वस्तु से आनेवाला प्रकाश हमारी आँखों में प्रवेश करें। यह प्रकाश वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित (Emitted) अथवा वस्तु से परावर्तित (Reflected) हुआ हो सकता है अर्थात् या तो स्वयं प्रकाश स्रोत (Light source) दिखती हथवा किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ रहा होता है जो हमारी आँखों तक परावर्तित होकर पहुंचता है।

प्रकाश का खेल

       प्रकाश दिखाई नहीं देता है परन्तु इसकी वजह से चीजें दिखाई देती है। प्रकाश एक माध्यम (Medium) है वस्तु और आँख के बीच। जो हमें वस्तु को देखने में मदद करता है।

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